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अगर आपके कुंडली में गुप्त धन प्राप्ति का योग हैं, लेकिन किसी तरह के कोई संकेत नहीं मिल रहा हैं , तो आपके जीवन को बदलने के लिए यह एक मंत्र है- 'ॐ ह्रीं पद्मावति देवी त्रैलोक्यवार्ता कथय कथय ह्रीं स्वाहा।।' रावण संहिता के अनुसार इस मंत्र को रात्रि में सोने से पूर्व 1 माला रोज जपें। मान्यता है कि कुछ दिनों बाद गुप्त धन कहां है, इसकी आपको स्वप्न में जानकारी मिल जाएगी या अचानक ही कहीं से आपको धन की प्राप्ति होगी।
अगर वाकई ही आपके भाग्य में गुप्त धन की प्राप्ति लिखी है तो ये कुछ संकेत हैं जिनसे आपको यह पता लग सकता है:-
ष्क रेखा सही स्थिति में हो यानी कि टूटी या कटी हुई नहीं हो, साथ ही भाग्य रेखा की एक शाखा जीवन रेखा से निकलती हो। हथेलियां गुलाबी व मांसल हों, तो करोड़ों में संपदा होने का योग बनता है।
यदि अष्टम भाव का मालिक उच्च का हों तथा धनेश व लाभेश के प्रभाव में हों तो व्यक्ति को निश्चित रूप में अचानक धनलाभ होता है। पूर्व समय में इस योग को गढ़े धन प्राप्ति के लिए अहम माना जाता था। इस योग की खासियत होती है कि ये अचानक प्राप्त होता है।
रावण संहिता के अनुसार सपने, शगुन और स्वर विज्ञान के माध्यम से व्यक्ति को ये संकेत मिल जाते हैं कि उसे सोने के जेवरातों से भरा चांदी का घड़ा या खजाना मिल सकता है। कहते हैं कि कुछ लोगों को सपने में अक्सर सफेद सांप या जलता हुआ दीपक दिखाई देता है। इसका मतलब यह कि उनके लिए कोई खजाना गाड़कर गया है, जो संकेत दे रहा है।
अगर आपके के जन्म कुंडली में चन्द्रमा ग्रह बृहस्पति के स्वामी भाव में युग्म में स्थित हो तो ऐसे जातक को गड़े हुए धन की प्राप्ति होती है।
1. 'ॐ ह्रीं पद्मावति देवी त्रैलोक्यवार्ता कथय कथय ह्रीं स्वाहा।।'
2. ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धनधान्या समृद्धिम् देहि दापय दापय स्वाहा।
3. ॐ श्रींह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मी नम:।।
4. ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ
5. ॐ हनुमते नम:' का जाप नित्य रोज करने से, आर्थिक और वित्तीय क्षेत्र में लाभ प्राप्त होता है।
6. श्री विद्या लक्ष्मी - ये जीवन में बुद्धि और ज्ञान को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ ऐं ॐ।।
7. श्री ऐश्वर्य लक्ष्मी - ये जीवन में प्रणय और भोग को संबोधित करती है तथा इनका मूल मंत्र है - ॐ श्रीं श्रीं।।
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