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आखिर क्या कारण है कि ब्रह्मा जी की पूजा नहीं की जाती ?

Myjyotish Expert Updated 13 Apr 2021 11:27 PM IST
Astrology
Astrology - फोटो : Myjyotish
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हम सभी यह सदियों से सुनते आ रहे हैं कि इस सृष्टि की रचना ब्रह्मा द्वारा की गयी है। उन्होंने इस धरती पर हर एक जीव का निर्माण किया है। पर उन्होंने खुस इस सृष्टि की रचना की है, उन्ही की पूजा नहीं की जाती है। ब्रह्मा जी के बहुत ही कम मंदिर हैं। सारे मंदिरों में से सबसे प्रसिद्ध राजस्थान के पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर स्थित है। पर क्या आपने कभी सोचा ही कि उन्होंने खुद यह संसार की रचना की है उनकी पूजा क्यूं नहीं की जाती है। तो आइए जानते हैं कि आखिर इसके पीछे का क्या कारण है।
 
वेद ज्ञान का प्रचार भी ब्रह्मा जी से हुआ है। उनकी चार चेहरे, चार भुजाएं और हर एक भुजाओं में एक-एक वेद मौजूद है। परन्तु बहुत ही काम लोग हैं जो उनकी आराधना करते हैं। सृष्टि के कल्याण के लिए ब्रह्मा जी को एक दिन धरती पर यज्ञ संपन्न करना था। यज्ञ के लिए स्थान चुनना था जिसके लिए उनहोनें अपनी एक भुजा से कमल को धरती पर भेजा। वह कमल राजस्थान के पुष्कर में जा गिरा और उस जगह पर एक तालाब का निर्माण हो गया। इसके बाद ब्रह्मा जी ने इसी स्थान को यज्ञ के लिए चुना। परन्तु इस यज्ञ को संपन्न करने के लिए एक स्त्री का होना ज़रूरी था और ब्रह्मा जी की पत्नी वहां समय से नहीं पहुंच पायी।

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यदि यज्ञ वक़्त पर नहीं समाप्त होता तो इसका लाभ नहीं होता। यह देख ब्रह्मा जी ने एक ग्वाला से शादी रच ली और यज्ञ में बैठ गए। इसके थोड़े देर पश्चात ही सावित्री वहां प्रकट हुई और अपनी जगह दूसरी स्त्री को देख क्रोधित हो गईं। उन्होंने गुस्से में ब्रह्मा जी को श्राप दिया कि इस संसार में कही भी उनकी पूजा नहीं होगी। सावित्री को  क्रोधित देख सभी देवता डर गए और उनसे विनती करने लगें की वह अपना श्राप वापस ले लें। इतनी विनती के बाद सावित्री ने कहा कि जिस स्थान पर ब्रह्मा जी यज्ञ किए हैं, उसी स्थान पर उनका मंदिर बनेगा। और यही कारण है कि पुष्कर में ही लोग उन्हें पूजा करते हैं।
 
माना यह भी जाता है कि इतना कुछ होने पर देवी सावित्री पास के एक पहाड़ी पाकर जाकर तपस्या करने लगीं। आज भी उनकी प्रार्थना उपस्थित है। विवाहिक महिला यहां आकर अपने सुखी जीवन के लिए मनोकामना करती हैं। ब्रह्मा जी का यह मंदिर सबसे प्रसिद्ध है और कई जगहों से लोग उनकी दर्शन करने अवश्य  आते हैं। 

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