क्या आप अपनी शादी को लेकर चिंतित हैं? क्या आपको लगता है कि दोनों पक्षों से सहमति होने के बाद भी बिना किसी कारण के अंतिम समय में कुछ चीजें परेशानी का सबब बन जाती हैं? तो फिर यही वो समय है जब आपको लगता है कि शादी में देरी के कुछ तो कारण हो सकतें हैं।
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हम सब चाहते हैं कि हमरी कभी शादी हो। हमें लगता भी है कि एक ऐसे व्यक्ति के साथ जीवन बिताना चाहिय जो कठिन समय मे हमारा साथ देऔर हमारी सफलता पर खुश हो। लेकिन जब शादी में देरी के कई कारण सामने आते हैं तो हमें कैसा महसूस होता है?
यदि आप नए जमाने के व्यक्ति हैं तो आप शादी करने के लिए तब तक नहीं सोचेंगे जब तक आपका करियर सेट नहीं हो जाता और आप मैच्योर नही हो जाते। इसी कारण से कुछ लोग समय लेते हैं और उस क्षण का इंतजार करते हैं जब उन्हें लगता है कि वे शादी के लिए तैयार हैं।
लेकिन जब आपकी उम्र बढ्ती हैं और आप शादी के लिये तैयार हो जातें हैं तो कुछ ज्योतिषीय कारण हो सकते हैं जो आपके रास्ते में बाधा डाल रहें हों और आपको शादी करने से रोक रहें हों। यही वजह है कि बहुत से लोग जल्द से जल्द शादी में देरी होने के समाधान के लिए एक विश्वसनीय ज्योतिषी की सलाह का सहारा लेते हैं।
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देर से शादी के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं?
वैदिक ज्योतिष के अनुसार विवाह आपके जीवन कि सबसे महत्वपूर्ण घटनाओं में से एक है और इसलिए यह एक ही समय में खुशी, चिंता और जटिलता से जुड़ा हुआ है। आपकी कुंडली में सातवें घर को शादी के घर के रूप में जाना जाता है और यही वह घर है जो आपकी शादी के बारे में बता सकता है कि -देर होगी या नही।
हम सभी ने यह कहावत तो सुनी ही होगी - "विवाह स्वर्ग में बनते हैं" – यह विवाह की अवधारणा मे एक दिव्य स्पर्श जोड़ता है। विवाह का लौकिक महत्व निर्विवाद है क्योंकि यह दैवीय है। यह दूल्हा और दुल्हन को अगले सात जन्मों के लिए एक साथ बांधता है।
हालाँकि, कुछ चुनौतियाँ हैं जिनका सामना दोनों पक्षों को तब तक करना पड़ता है जब तक उनकी शादी में देरी होती है। कुछ ग्रह ऐसे होते हैं जो आपकी जन्म कुंडली में प्रतिकूल स्थिति ले सकते हैं और विवाह के रास्ते में रुकावटें पैदा कर सकते हैं।
महिलाओं के लिए बृहस्पति और पुरुषों के लिए शुक्र ग्र्ह ही विवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ग्रह हैं। जब ये दोनों ग्रह जोड़े को शादी का आनंद प्रदान करने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं होते तो शादी होने कि अत्यधिक संभावनाएं नहीं रहतीं। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि शुक्र प्रेम का ग्रह है और बृहस्पति ज्ञान और धन का ग्रह है।
अगर जोड़े के बीच प्यार नहीं है तो बडी जल्दि या कुछ समय बाद शादी तलाक में बदल सकती है। और अगर घर में पैसों का निरंतर प्रवाह नहीं है तो कोई यथार्थवादी निर्णय नहीं लिया जा सकता। इसलिए शादी निश्चित रूप से विफलता में बदल जाएगी।
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इसके साथ ही शनि ग्रह आपके विवाह की संभावनाओं पर एक स्थायी और हानिकारक प्रभाव डाल सकता है। और सूर्य यदि सातवें घर में बैठा हो तो विवाह मेअवरुद्ध पैदा कर सकता है।
कुछ लोगों की कुंडलियों में मांगलिक दोष भी होता है, जो उनकी कुंडली में अस्थिर मंगल का परिणाम है। यदि मांगलिक दोष को समय पर ठीक नहीं किया जाता है तो इससे जीवनसाथी की मृत्यु, विवाह में असफलता आदि जैसे विनाशकारी परिणाम मिल सकते हैं।
राहु और केतु जैसे ग्रह भी आपके विवाह में देरी का कारण बन सकते हैं। जहां एकओर राहु आपको जुनूनी लगता है, वहीं दूसरी ओर केतु आपको शादी के लिए नकारत्मक और उदासीन महसूस कराने मे जिम्मेदार हो सकता है। इसके अलावा प्रतिगामी और दुर्बल ग्रह भी विवाह में देरी का एक मुख्य कारण बन सकतें हैं।
लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आपकी वैवाहिक संभावनाएं पूरी तरह से बर्बाद हो जाती हैं। विशेषज्ञ और विश्वसनीय ज्योतिषियों से परामर्श करके आप शादी में हो रही देरी के सभी समाधान प्राप्त कर सकते हैं। आपको बस ज्योतिषियों द्वारा बताए गए उपायों का पालन करना है और उन ग्रहों को शांत करना है जो आपकी शादी में बाधा पैदा कर रहे हैं।
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