भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है।
इस एकादशी में मुख्य रूप से विष्णु भगवान की पूजा की जाती है ∣
आज हम जानेगें कैसे करे अपरा एकादशी की पूजा
अपरा एकादशी (Apara Ekadashi) पूजा विधि-
एकादशी के दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करने के बाद साफ वस्त्र धारण करके एकादशी व्रत का संकल्प लें।
- उसके बाद घर के मंदिर में पूजा करने से पहले एक वेदी बनाकर उस पर 7 धान (उड़द, मूंग, गेहूं, चना, जौ, चावल और बाजरा) रखें।
- वेदी के ऊपर एक कलश की स्थापना करें और उसमें आम या अशोक के 5 पत्ते लगाएं।
- अब वेदी पर भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर रखें।
- इसके बाद भगवान विष्णु को पीले फूल, ऋतुफल और तुलसी दल समर्पित करें।
- फिर धूप-दीप से विष्णु की आरती उतारें।
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- शाम के समय भगवान विष्णु की आरती उतारने के बाद फलाहार ग्रहण करें।
- रात्रि के समय सोए नहीं बल्कि भजन-कीर्तन करते हुए जागरण करें।
- अगले दिन सुबह किसी ब्राह्मण को भोजन कराएं और यथा-शक्ति दान-दक्षिणा देकर विदा करें।
- इसके बाद खुद भी भोजन कर व्रत का पारण करें
अपरा एकादशी (Apara Ekadashi 2021)के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 03:34 ए एम से 04:16 ए एम तक।
अभिजित मुहूर्त- 11:19 ए एम से 12:14 पी एम तक।
विजय मुहूर्त- 02:03 पी एम से 02:58 पी एम तक।
गोधूलि मुहूर्त- 06:23 पी एम से 06:47 पी एम तक।
अमृत काल- 06:22 पी एम से 08:10 पी एम तक।
निशिता मुहूर्त- 11:26 पी एम से 12:07 ए एम, जून 07 तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- 04:57 ए एम से 02:28 ए एम, जून 07 तक |
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