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क्यों मनाई जाती है आमलकी एकादशी ? जानें महत्व

Myjyotish Expert Updated 18 Mar 2021 09:46 AM IST
Aamlaki Ekadashi
Aamlaki Ekadashi - फोटो : Myjyotish
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आमलकी एकादशी को आंवले के पेड़ की पूजा अर्चना की जाती है आंवले में सभी देवता विराजमान होते हैं इस दिन दान करना बहुत अच्छा माना जाता है 

क्या है आमलकी एकादशी 

आमलकी एकादशी फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष में पुण्य नक्षत्र में होने के कारणवश इसे आमलकी एकादशी कहते हैं इस दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है साथ ही इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान है माना जाता है कि इस दिन आंवले की पूजा करने से मनुष्य के लिए वैकुण्ठ धाम के द्वार खुल जाते हैं उसे साक्षत सृष्टि के संचालक विष्णु के चरणों में स्थान प्राप्त होता है इस बार आमलकी एकादशी  25 मार्च को मनायी जाएगी

 कैसे करें आमलकी एकादशी व्रत

आमलकी एकादशी के व्रत करने से पूर्व मनुष्य को शुद्ध भाव से व्रत करने का संकल्प करना चाहिए स्नानादि क्रियाएं पूरी कर के भगवान विष्णु का श्रद्धा से धूप, दीप, नैवेद्य, फल और फूलों से पूजन करना चाहिए इस व्रत में आंवले की टहनी को कलश में स्थापित करके पूजन करना अति उत्तम माना गया है इस दिन आंवला खाना और दान करना पुण्यकारी है

आंवले के औषधीय गुण

इसमें होते हैं औषधीय गुण आंवले के पेड़ को पुराणों में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है अगर आमलकी एकादशी का व्रत कर के आंवले के पेड़ की पूजा की जाए तो सभी देवी देवता प्रसन्न होते हैं क्योंकि इस पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है आंवले के वृक्ष को स्वयं भगवान विष्णु ने उत्पन्न किया था यह जितना धार्मिक दृष्टि से उपयोगी और पूज्यनीय है उतना ही इसमें औषधीय गुण भी पाए जाते हैं

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आमलकी एकादशी व्रत कथा

एक समय की बात है कि एक वैदिश नाम का नगर था जहाँ ब्राहाण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र चारों वर्ण सुखपूर्वक जीवन यापन करते थे जहाँ कोई गरीब नही था चारों ओर जनता बड़े आनंद से जीवन यापन करती थी जिस कारण यहाँ के लोगों के द्वारा आमलकी एकादशी व्रत को करना था 

कुछ समय बीत जाने के बाद फिर से आमलकी एकादशी आयी उस दिन वैदिश नगर में बड़े धूम धाम से भगवान विष्णु की पूजा की गयी और रात को भजन किया  जा रहा था उसी समय वहाँ एक नास्तिक चोर वहाँ आया जिसका मुख्य काम लोगों को मराकर अपने परिवार का पेट भरना था उसी रात्रि वो भगवान कथा भजन सुनता रहा है और दूसरे दिन उसकी मृत्यु हो गयी किंतु क्यों कि उसने भगवान विष्णु की व्रत कथा सुनी थी जिसके फलस्वरूप उसका जन्म एक सम्पन्न राज्य में और वो वहाँ का राजा हुआ एक दिन वो अपने राज्य से दूसरे राज्य में भ्रमण करने गया तब वो रास्ता भटक गया  और जब वो थककर जंगल में आ गया तो कुछ लोगों ने उस पर हमला किया और कहाँ कि इसने हमारे लोगों को मारा है तब उस राजा ने अंदर से एक स्त्री निकली जिसकी आंखों में लाल रोशनी दिखाई दे रहती थी वो लोग वहाँ से भाग गए तब उस राजा ने कहाँ कि ये सब कैसे हुआ तब उसी स्त्री ने कहा तुम पर भगवान विष्णु की असीम कृपा है.

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