myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Blogs Hindi ›   Akshaya Tritiya will get Akshaya Punya

अक्षय तृतीया से प्राप्त होगा अक्षय पुण्य

MyJyotish Expert Updated 25 Apr 2020 03:28 PM IST
Akshaya Tritiya will get Akshaya Punya
विज्ञापन
विज्ञापन
बैशाख माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला पर्व अक्षय तृतीया के नाम से जाना जाता है। यह दिन बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी भी व्यक्ति को पंचांग देखकर कार्य करने की आवश्यकता नहीं होती है वह कोई भी कार्य इस दिन सफल बना सकता है। इस दिन की श्रेष्ठता इसी से पता चलती है की विवाह ,गृह प्रवेश ,नामकरण संस्कार, वाहन खरीददारी, आभूषण खरीददारी इस दिन यह शुभ ही माना जाता है। अक्षय तृतीया की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में धन -धान्य की कोई कमी नहीं रहती।


पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सभी शुभ कार्य किए जाते हैं ताकि उनका अक्षय फल प्राप्त हो इसलिए ही इस पर्व को अक्षय तृतीया कहा जाता है। विशेष तौर पर यह पर्व महिलाओं का माना जाता है। इस दिन सोने चांदी की खरीददारी का भी रिवाज है। इस दिन किए गए कार्यों का फल ताउर्म आपको प्राप्त होता है। तथा व्यक्ति की समस्त कष्टों का भी विनाश होता है। इस दिन माँ लक्ष्मी के पूजन से सदैव माँ की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है। उन्हें सुख -संपत्ति की प्राप्ति होती है।

अक्षय तृतीया पर देवी विंध्यवासिनी के श्रृंगार पूजा से जीवन की समस्याएं होंगी दूर, मिलेगा धन लाभ का आशीर्वाद : 26-अप्रैल-2020

अक्षय का अर्थ होता है कभी न समाप्त होने वाला उसी प्रकार इस दिन व्यक्ति द्वारा किए गए कार्यों का सुख वह जीवन भर भोगता है। अक्षय तृतीया का दिन उपवास के लिए भी बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन ईश्वर अपने भक्तों की कोई प्रार्थना अनसुनी नहीं करते। माना जाता है की यदि कोई भी व्यक्ति अपने या अपने स्वजनों द्वारा की गयी भूल के लिए ईश्वर के समक्ष क्षमा प्रार्थी होता है तो भगवान उसकी प्रार्थना जरूर स्वीकार करते हैं। तथा उसे समृद्ध जीवन का आशीर्वाद प्रदान करते हैं।

अक्षय तृतीया का दिन व्रतोत्सव और त्यौहार दोनों ही रूपों में जाना जाता है। इस दिन मूंग और दाल की खिचड़ी बिना नमक डाले बनाई जाती है। घरों में अक्षय तृतीया के दिन पक्की रसोई भी नहीं बनाई जाती है। इस दिन ब्रह्म बेला में स्नानादि करके व्रत या उपवास का संकल्प करना चाहिए। प्रतिमा के रूप में भगवान विष्णु और माँ लक्ष्मी की आराधना की जाती है जिनके आशीर्वाद से भक्तों के घरों में सुख -शान्ति ,धन-धान्य व आशीर्वाद बना रहता है।

यह भी पढ़े :-

जानिए माँ विन्ध्यवासिनी से जुड़ी रहस्यमय बातें

विंध्य शैल की खोह में स्थित है महाकाली का मंदिर

जानिए माँ विंध्यवासिनी के विंध्य पर्वत की कथा

  • 100% Authentic
  • Payment Protection
  • Privacy Protection
  • Help & Support
विज्ञापन
विज्ञापन


फ्री टूल्स

विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

Disclaimer

अपनी वेबसाइट पर हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर अनुभव प्रदान कर सकें, वेबसाइट के ट्रैफिक का विश्लेषण कर सकें, कॉन्टेंट व्यक्तिगत तरीके से पेश कर सकें और हमारे पार्टनर्स, जैसे की Google, और सोशल मीडिया साइट्स, जैसे की Facebook, के साथ लक्षित विज्ञापन पेश करने के लिए उपयोग कर सकें। साथ ही, अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms and Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।

Agree
X