दीपदान किसी भी विपत्ति के निवारणार्थ श्रेष्ठ उपाय है । अधिक मास में दीपदान बहुत ही फलदायी माना जाता है । दीपदान का सरल मतलब होता है आस्था के साथ नियम पूर्वक वैदिक तरीकों से किसी योग्य स्थान पर दीया जलाना । दीपदान या तो नदियों के किनारें होता है और यदि नदी के किनारें ना कर सके तो पीपल के पेड़ पर दीया जला सकते हैं वरना किसी मंदिर में भी भगवान के आगे पूरी श्रद्धा से एक दीया जला सकते हैं ।
अधिक मास में कराएं भगवान विष्णु से जुड़ें महत्वपूर्ण दान, मिलेगा समस्त पापों से छुटकारा
अधिक मास के पूरे महीने दीया जलाने से मन की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ऐसा करने से निश्चित ही बहुत शुभ फल प्राप्त होता है । शास्त्रों में दीप दान का बहुत ही महत्व बताया गया है। अधिक मास की अमावस्या और पूर्णिमा तिथि पर दीप दान करना बहुत ही शुभ माना गया है । अमावस्या पूर्णिमा की तिथि पर किया गया दीपदान हमारे पितरों को प्राप्त होता है ।
अधिक मास में दीप दान करने से परमात्मा की कृपा प्राप्त होती है और हमारे मित्र बहुत खुश होते हैं । दीप दान करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं और बिगड़े हुए काम भी बन जाते हैं । दीपदान से जीवन में सुख समृद्धि और शांति बनी रहती है ।
सोई हुई किस्मत जगाने का समय - अधिक मास की एकादशी पर कराएं 10 महादान - लक्ष्मी नारायण मंदिर, दिल्ली : 27-सितम्बर-2020
व्यापार में वृद्धि होती है और साथ ही साथ सूझबूझ और समझ बढ़ती है । अधिक मास में पद्मिनी एकादशी का व्रत रखने से व्यापार में वृद्धि होती है। दीप ज्ञान प्रकाश और अंधकार के विनाश का प्रतीक होता है इसलिए हिंदू धर्म में दीपदान का एक विशेष स्थान है । दीपदान हर आफत और मुसीबत को दूर कर देता है ।
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