अधिक मास पूजा विधि :
- अधिक मास के समय सुबह सूर्य निकलने से पहले स्नान करके शुद्ध हो जाना चाहिए।
- साफ वस्त्र धारण करके किसी भी पवित्र स्थान एक कलश में जल भरकर रख दे |
- कलश की स्थापना करने के बाद उसके ऊपर एक पीला कपड़ा बिछाए |
- भगवान कृष्ण और राधा रानी की मूर्ति को पूजा स्थान पर जरूर रखें |
- गोवर्धनधारम वन्दे गोपालंगोपरूपीनम | गोकुल उत्सव मिशयणं गोविंदम गोपिका प्रियम || इस मंत्र का जाप करते हुए भगवान पुरुषोत्तम की विधि विधान से पूजा करें |
- पूजा करते समय भगवान पुरुषोत्तम का ध्यान जरूर करें | पूजा के समय अखंड जोत जरूर जलाएं |
- इसके अलावा पूरा महीने विधि विधान से श्री शालीग्राम की मूर्ति की पूजा करें और अगर स्वयं करने में सक्षम न हो तो किसी ब्राह्मण से करवाएं |
- श्री शालीग्राम की मूर्ति की पूजा करने से हमारे सारे पापों के लिए माफी मिल जाती है | तुलसी के पत्तों पर चंदन से ओम या श्री कृष्ण लिखकर भगवान श्री शालीग्राम को अर्पित करें |
- शाम के समय दीप दान करना चाहिए |
- अधिक मास के अंत में धातु या कांसे के बर्तन में 30 मिठाई के पीस दान करें | यह बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है और भगवान विष्णु की कृपा आपके ऊपर बरसती है |
- पूरे महीने अपनी श्रद्धा अनुसार किसी जरूरतमंद को दान करें |
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