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अधिक मास में भगवान विष्णु की पूजा करना विशेष होता है. मान्यताओं के अनुसार इस मास पर श्री विष्णु भगवान कि विशेष कृपा रहती है अत: इस समय विष्णु पूजा द्वारा भक्त को कृपा प्राप्त होती है. इस मास में विष्णु पुराण, भागवत कथा आदि सुनने, व्रत, पूजा-पाठ, भजन-कीर्तन करने से सुख शांति की प्राप्ति होती है.
कब शुरु होगा अधिक मास
साल 2023 में अधिक मास 18 जुलाई मंगलवार से शुरू हो रहा है. इस बार अधिक मास सावन के महीने से जुड़ा है, इसलिए यह सावन अधिक मास है. सावन में अधिक मास जुड़ने से श्रावण मास 59 दिनों का हो गया है. अधिक मास को मल मास या पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. अधिक मास चातुर्मास से अलग है. अधिकमास एक महीने का होता है, जबकि चातुर्मास चार महीने का होता है.इस साल अधिक मास 18 जुलाई से शुरू हो रहा है और 16 अगस्त को समाप्त होगा.
क्यों महत्वपूर्ण है अधिकमास
सूर्य और चंद्रमा की गणना के आधार पर सौर कैलेंडर और चंद्र कैलेंडर के एक वर्ष में 11 दिनों का अंतर आ जाता है. इस अंतर को दूर करने के लिए एक अतिरिक्त महीना जोड़ा जाता है. जिसे अधिक मास के रुप में जाना जाता है. ऎसा करने से सभी व्रत त्यौहारों की स्थिति अनुकूल रुप से प्राप्त होती है. यह माह विशेष रुप से काल गणना को उचित रुप से बनाए रखने में सहायक होता है अत: इसक अमहत्व बहुत होता है.
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अधिक मास के अन्य नाम
अधिक मास को कई नामों से जाना जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार अधिक मास को मल मास भी कहते हैं तो कुछ अनुसार इसे पुरुषोत्तम मास भी कहा जाता है. इस माह के दौरान कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता है जैसे कि नामकरण, विवाह, यज्ञ, गृह प्रवेश आदि काम इस दौरान नहीं किए जाते हैं. इस माह को केवल जप तप जैसे कार्यों के लिए महत्वपूर्ण माना गया है.