गर्भ संस्कार के अनुसार सोमवार, बुधवार, बृहस्पतिवार और शुक्रवार ये चार गर्भ धारण करने के लिए शुभ माने जाते है।रविवार, मंगलवार और शनिवार इन तीन दिनों में पति-पत्नी को गर्भ धारण करने के लिए शारीरिक सम्बन्ध नहीं बनाने चाहिए। क्योंकि सूर्य, मंगल व शनि ग्रह ज्यातिष शास्त्र में पाप ग्रह माने जाते है। इन दिनों में गर्भधारण करने से होने वाली सन्तान शुभ नहीं मानी जाती है।
जाने अपनी समस्याओं से जुड़ें समाधान भारत के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्यों के माध्यम से
चन्द्रमा ज्योतिष शास्त्र में शुभ ग्रह
सोमवार: सोमवार के दिन का मालिक चन्द्रमा है। चन्द्रमा ज्योतिष शास्त्र में शुभ ग्रह माना जाता है। मन व भावनाओं से जुड़ी हर चीज पर चन्द्रमा का अधिकार होता है। सोमवार भगवान शिव का दिन है। इस दिन गर्भ धारण करना बहुत शुभ होता है, क्योंकि यह बच्चा मानिसक रूप से मजबूत, शान्त व प्रतिभाशाली होता है।
मंगलवार: ज्योतिष में मंगल को पाप ग्रह कहा जाता है। मंगल अग्नि तत्व वाला ग्रह है। इसमें क्रोध वाली अग्नि का स्वरूप होता है, जिसमें सब जलकर राख हो जाता है। इस दिन गर्भ धारण करने से होने वाला बच्चा क्रोधी, घमण्डी, किसी की बात न मानने वाला, अपने मन की करने वाला हिंसक स्वभाव का होता है। इसलिए मंगलवार के दिन गर्भ धारण नहीं करना चाहिए।
एक माह तक वृंदावन बिहारी जी मंदिर में कराएं चन्दन तुलसी इत्र सेवा , मिलेगा नौकरी व व्यापार से जुड़े समस्याओं का समाधान
बुधवार: बुध ग्रह ज्योतिष शास्त्र में शुभ माना गया है। बुध का सबसे अधिक प्रभाव मेघा शक्ति पर पड़ता है। यदि किसी बच्चे की बौद्धिक क्षमता अच्छी है तो सभी लोग उससे प्रभावित होते है। लेकिन अगर बच्चा मानसिक क्षीण हो तो लोग उसे उतना दुलार नहीं देते है। यदि आप चाहते है कि आपकी सन्तान बौद्धिक व प्रतिभावान हो तो बुधवार के दिन पत्नी से शारीरिक सम्बन्ध बनाकर गर्भ धारण करें।
गुरूवार: बृहस्पतिवार दिन शुभ दिनों की श्रेणी में आता है। गुरू सबको शिक्षा देता है, ज्ञान देता, लोगों की सहायता करता है, संवेदनाओं से लबरेज होता है, माता-पिता व अपने गुरू की सेवा करता है, दूसरों की भावनाओं की कद्र करता है आदि। यदि आप चाहते है आपकी सन्तान में ये सारे गुण विद्यमान हो तो गुरूवार को गर्भ धारण करें।
11 दिन तक वृंदावन बिहारी जी मंदिर के बाल गोपाल को कराएं माखन मिश्री का भोग, मिलेगी आर्थिक समस्याओं से मुक्ति
शुक्रवार: शुक्र भौतिक सुख-सम्पदा देने वाला ग्रह है, जो ज्यातिष में शुभता के श्रेणी में आता है। शुक्रवार के दिन गर्भ धारण करना बहुत ही उत्तम माना जाता है। क्योकि इस दिन गर्भ धारण करने से होने वाली सन्तान संसार में अपना नाम कमाती है, फिल्मी दुनिया, गायन, नाटय कला आदि क्षेत्रों में काफी ऊँचा मुकाम हासिल करती है। ऐसे सन्तानें महिलाओं की प्रिय होती है व परिवार को साथ लेकर चलने वाली होती है।
शनि साढ़े साती और ढैय्या से बचने के लिए शनि धाम कोकिलावन में कराएं तेल अभिषेक
शनिवार: शनिवार के दिन भूलकर भी गर्भ धारण नहीं करना चाहिए। यह ग्रह ज्योतिष में पापी ग्रह माना जाता है। इस दिन गर्भ धारण करने से होने वाली सन्तानें रोगी होती है, नकारात्मक सोंच वाली होती है, उनके हर कार्य में बाधायें आती है, शिक्षा, नौकरी, छोकरी, विवाह, सन्तान या अन्य भौतिक सुख सब कुछ देर से ही मिलता है, कुछ भी समय पर नहीं मिलता है।
चंद्र ग्रहण के अवसर पर कराएं चंद्र गायत्री मंत्रों का जाप , घर होगा धन - समृद्धि से संपन्न - 1000 मंत्र : 5 जून 2020
रविवार: रविवार सूर्य भगवान का दिन है। सूर्य साक्षात उर्जा का भण्डार है और सूर्य से ही पृथ्वी पर सभी जीवों का जीवन सम्भव है। सूर्य नहीं है तो कुछ भी नहीं है। सुयोग्य सन्तान के लिए प्रार्थना करना रविवार को शुभ माना जाता है। किन्तु रविवार के दिन गर्भ धारण करना शुभ नहीं होता है। ज्योतिष में सूर्य को एक पापी ग्रह की श्रेणी में रखा गया है। रविवार को गर्भ धारण करने से होने वाली सन्तान ईष्यालू, क्रोधी, झगड़ालू होती है। हर पल उसके स्वभाव में गर्मी रहती है जिसके कारण वो जिद्दी होती है। इसलिए रविवार के दिन पति-पत्नी को न शारीरिक सम्बन्ध बनाना चाहिए और न ही गर्भ धारण करने के लिए प्रयास करना चाहिए।:
चंद्र ग्रहण में छोटा सा दान, बनाएगा धनवान : 5 जून 2020
नोट-भारतीय सनातन धर्म में एक सूर्योदय से दूसरे सूर्योदय तक एक दिन माना जाता है। यदि आप रात्रि 12 बजे के बाद दूसरा दिन मानते है तो वह गलत है। उपरोक्त फल गर्भ धारण करने के दिन का है न कि जिस दिन बच्चा पैदा होता है।
यह भी पढ़े :-
चंद्रग्रहण जून 2020 : कैसे करें ग्रहण का उपायें ?
ग्रहण का राशियों पर प्रभाव - ज्योतिषाचार्य सारथी त्रिशला
चंद्रग्रहण जून 2020 : क्यों है यह चंद्रग्रहण खास ?