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वृश्चिक संक्रांति के दिन को काफी सुभ माना जाता है। इस बार यह दिन 16 नवंबर को है। वृश्चिक संक्रांति के दिन सूर्य देव को जल अर्पित किया जाता है। इस दिन कोई भी नया सुभ कार्य इस दिन किया जाता है, उसमे काफी तरक्की तथा लाभ होता है। ज्योतिष इस दिन सुभ काम करने की सलाह भी देते है। अन्य संक्रांति की तरह वृश्चिक संक्रांति के दिन भी दान पुण्य एवं धार्मिक कार्य को करने के लिए सबसे दिन माना जाता है। ज्योतिषयों का मानना है कि दान धर्म के जितने भी कार्य यदि कोई व्यक्ति करना चाहता है तो संक्रांति से शुभ दिन इन कार्यों को करने का नहीं मिलेगा। इस दिन भूखे व्यक्ति को भोजन कराना, गाय को चारा खिलाना आदि का काफी पुण्य प्राप्त होता है।
वृश्चिक संक्रांति का एक प्रमुख महत्व है। इस दिन सूर्य ग्रह वृश्चिक राशि में प्रवेश करता है। जिसके फलस्वरूप वृश्चिक राशि वालों के लिए यह दिन बहुत शुभ होता है। यही कारण है कि 16 नवंबर की वृश्चिक संक्रांति काफी शुभ रहेगी। इस दिन किसी भी प्रकार का नया शुभ कार्य करने के लिए सबसे उत्तम दिन है। सूर्य ग्रह 16 नवंबर को वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। जिसके कारण यह दिन वृश्चिक राशि वालों के लिए सबसे शुभ होगा। सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलेगी धर्म से संबंधित समस्याएं भी दूर होने की संभावना है।
देखिए वृश्चिक संक्रांति का क्या महत्व है और इस दिन किस चीज का दान करना चाहिए।इस संक्रांति का वृश्चिक राशि वालों पर क्या प्रभाव पड़ेगा जानिए।
• प्रत्येक संक्रांति को सूर्य देव को अर्घ्य देना सुभ माना जाता है। सूर्य देव को जल अर्पित करने से सूर्य दोष भी दूर होता है।
• संक्रांति के सुभ दिन दान पुण्य का विशेष महत्व होता है। दान पुण्य करने की परंपरा प्राचीन काल से चली आ रही है। वृश्चिक सक्रांति के शुभ दिन सूर्य देव की आराधना करते हुए दान करना बहुत अच्छा माना जाता है।
• वृश्चिक संक्रांति के शुभ दिन तीर्थों में स्नान करना भी काफी शुभ माना जाता है। सक्रांति, ग्रहण, पूर्णिमा और अमावस्या के दिनो को गंगा स्नान को काफी पुणंयदायक माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इन प्रमुख दिनों गंगा स्नान करने से व्यक्ति को ब्रह्मलोक की प्राप्ति भी होती है। देवी पुराण में बताया गया है कि जो व्यक्ति संक्रांति के पावन दिन सूचना नहीं करता है। वह व्यक्ति सात जन्मो तक बीमार रहता है तथा निर्धन भी होता है।
• संक्रांति का यह शुभ दिन श्राद्ध और तर्पण करने के रूप में भी काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि पित्रो का तर्पण करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। जिसके परिणामस्वरूप पितृ दोष भी खत्म हो जाता है।
• वृश्चिक संक्रांति के दिन गाय दान करना काफी शुभ माना जाता है। इस संदर्भ में यह मान्यता है कि संक्रांति के शुभ दिन को यदि कोई व्यक्ति गाय दान भी करता है तो इससे उस व्यक्ति को सबसे अधिक पुण्य प्राप्त होता है।
• संक्रांति का सीधा संबंध कृषि, प्रकृति और ऋतु मैं बदलाव से भी होता है। ऋतु में बदलाव तथा जलवायु में कुछ प्रमुख परिवर्तन इनकी स्थिति के अनुरूप होता है। जिसके कारण स्वरूप भी संक्रांति को इस दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
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