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जानिए 16 दिसंबर को जब सूर्य का धनु राशि में होगा प्रवेश तब क्या होगा

पंडित सौरभ त्रिपाठी Updated 13 Dec 2021 09:57 AM IST
Surya Grahan
Surya Grahan - फोटो : google
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ज्योतिष शास्त्र में नौ ग्रहों के राजा सूर्य ग्रह 12 राशियों में प्रत्येक माह गोचर अर्थात प्रवेश करते हैं। 

वर्ष में दो बार जब सूर्य धनु और मीन राशि में आते हैं तब खरमास कहलाता है। सूर्य किसी भी राशि में एक महीने रहते हैं। धनु राशि में गोचर के समय सूर्य ग्रह के तेज़ में कमी आ जाती हैं और गुरु के स्वभाव में उग्रता आ जाती है। सूर्य जब भी गुरु ग्रह की राशि में जाता है तो वह प्राणिमात्र के लिए उत्तम नहीं माना जाता है।

नए वर्ष की करें शुभ शुरुआत, समस्त ग्रह दोषों को समाप्त करने हेतु कराएं नवग्रह पूजन - नवग्रह मंदिर, उज्जैन

किसी भी शुभ कार्य को करने के लिए त्रिबल की आवश्यकता होती है। त्रिबल याने की सूर्य, चंद्रमा व गुरु का बल। जब तीनों ग्रह उत्तम स्थिति में रहते हैं, तभी शुभ कार्य किए जाते हैं। इनमें से यदि कोई भी क्षीण या निषेध होता है, अस्त होता अथवा पीड़ित होता है तो शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। खरमास में दो ग्रहों का बल तो बना रहता है लेकिन एक ग्रह कमजोर हो जाता है।

इस कारण से पौराणिक मान्यताओं के अनुसार खरमास में किसी भी तरह के शुभ कार्य या मांगलिक कार्य नहीं किए जाते इस वर्ष 16 दिसंबर 2021 को सूर्य ग्रह का धनु राशि में सुबह 6:50 पर गोचर हो रहा है यानी कि प्रवेश कर रहे हैं जोकि 14 जनवरी 2022 को मकर राशि में प्रवेश करेंगे उसके बाद से पुनः मांगलिक कार्य प्रारंभ हो जाएंगे। 
इसी कारण बस 16 दिसंबर से 14 जनवरी तक खरमास का दोष मांगलिक कार्यों में लगा रहेगा। 

विष्णु जी की पूजन करने से मिलेगा विशेष लाभ-

धनु एवं मीन राशि के स्वामी गुरु है एवं गुरु ग्रह के प्रतिनिधि देव भगवान विष्णु है। इसलिए इस माह विशेष रूप से भगवान विष्णु की आराधना करना चाहिए। भगवान विष्णु कहे या  शालिग्राम जी या फिर लड्डू गोपाल जी इनका पूजन श्रद्धा भाव के साथ करना चाहिए हो सके तो नियमित भगवान का पंचोपचार पूजन करें भगवान को पंचामृत से स्नान कराएं माखन मिश्री आदि का भोग लगाएं शास्त्रों के अनुसार इन दिनों विशेष रूप से भगवान विष्णु का पूजन एवं सूर्य देवता को अर्घ देना विशेष फलदाई माना गया है साथ ही ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः इस मंत्र का अधिक से अधिक जाप करना, तीर्थों में जाकर के स्नान करना , गरीबों को भोजन कराना , जरूरतमंदों को दान करना , माता तुलसी का पूजन करना , तुलसी कोट में घी का दीपक रखना व सत्संग करना विशेष रूप से फलदाई बताया गया है। 
यह महाधर्म, दान, जप, तप का महीना माना जाता है। इसमें अनेक गुणों के साथ लाभ प्राप्त होता है। कर्ता को करने का कई गुना फल प्राप्त होता है। खरमास में ब्राह्मण, गुरु, गाय एवं साधु-सन्यांसियों की सेवा करनी चाहिए।

अगहन महीने में अन्न के साथ ही वस्त्र दान भी किया जा सकता है। खरमास में गौ पूजन व गौ संवर्धन करने से भगवान श्रीकृष्ण का आशीर्वाद प्राप्त होता है। घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। भविष्य में किसी भी प्रकार के कार्य में सफलता मिलती है।

धार्मिक और ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, खरमास को शुभ नहीं माना जाता है। इसलिए इस माह के दौरान कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य करना वर्जित माना जाता है। इस दौरान हिंदू धर्म में बताए गए संस्कार, जैसे मुंडन संस्कार, यज्ञोपवीत, नामकरण, गृह प्रवेश, गृह निर्माण, नए व्यापार का आरंभ, वधू प्रवेश, सगाई, विवाह आदि कोई भी कार्य नहीं किया जाता है।

 
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