• पितर की शांति के लिए प्रत्येक वर्ष नियमित रूप से तर्पण करना चाहिए। और किसी कुंवारी कन्या को या ब्राह्मण को अवश्य भोजन कराना चाहिए। क्योंकि यह माना जाता है कि कुंवारी कन्या या ब्राह्मण को भोजन कराने से यह भोजन हमारे मित्रों को लगता है। तथा साथ ही उन्हें साधा वस्त्र भी देना चाहिए। और अन्न दान भी कर सकते हैं। तथा भूमि दान, स्वर्ण दान और गोदान आदि कर्म किए जाते हैं।
जीवन के संकटों से बचने हेतु जाने अपने ग्रहों की चाल, देखें जन्म कुंडली