पूजा के शुभ फल :
माँ गायत्री को वेदमाता के रूप में जाना जाता है। इन्हे तीनों लोको के देव ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आराध्य माना गया है, इसलिए इन्हे देवमाता भी कहा गया है । पौराणिक महत्वों के अनुसार चारों वेदों का पाठ करने के पश्चात् जितना ज्ञान प्राप्त होता है उतना ही पुण्य एवं ज्ञान केवल गायत्री मंत्र के जाप से होता है। हिन्दू धर्म में गायत्री मंत्र का बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है। इस मंत्र को पुराणों और श्रुतियों की उत्पत्ति का आधार माना गया है।
ये भगवान ब्रह्मा की दूसरी पत्नी भी कही गयी है। एक कथा के अनुसार आरंभिक समय में गायत्री माँ केवल देवलोक तक ही सिमित थी परन्तु जिस प्रकार भागीरथ ने गायत्री रुपी गंगा को अपने तप से धरती पर आने का आग्रह किया, उससे समस्त मानव जाती को शुद्धता एवं निर्मलता का आधार प्राप्त हुआ। जिस प्रकार गंगा से तन - मन को निर्मल करती है उसी प्रकार गायत्री मंत्र का जाप मन को शुद्ध करता है। मां गायत्री आयु, प्राण, शक्ति, कीर्ति, धन और ब्रह्मतेज प्रदान करने वाली देवी है।
हमारी सेवाएं :-
गायत्री पूजन हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा पूर्ण विधि - विधान से आपकी सुख - समृद्धि के लिए मंत्रों का जाप एवं हवन संपन्न किया जाएगा। पूजन से पूर्व पंडित जी संकल्प कराएंगे। पूजा के समय आपको एक लिंक भेजा जाएगा जिसके माध्यम से आप पूजा को लाइव देख सकेंगे।
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