पूजा के शुभ फल :
गणराज प्रथम पूजनीय श्री गणेश इस संसार के विघ्नहर्ता है। किसी भी शुभ कार्य का प्रारम्भ करने से पूर्व श्री गणेश की आराधना की जाती है। भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल चतुर्थी तिथि पर हुआ था। वह अपने भक्तों को उनके जीवन से बाधाओं को दूर करने में मदद करते है। भगवान गणेश को ज्ञान के देवता के रूप में भी जाना जाता है। रिद्धि और सिद्धि को उनकी पत्नी माना जाता है। कहा जाता है की जो भगवान गणेश की पूजा करता है वह न केवल एक सफल और समृद्ध जीवन जीता है, बल्कि ज्ञान भी प्राप्त करता है।
काशी यानि की आज का वाराणसी गणेश मंदिरों के लिए बहुत प्रसिद्ध है। इन्ही में सबसे एक मंदिर है दुर्ग विनायक । इस मंदिर से जुड़ी विशेष मान्यताएं है। कहा जाता है की जो कोई भी यहाँ सच्चे मन से पूजन करता है उसकी सभी इच्छाएं पूर्ण हो जाती है। यहाँ पूजन करने वाले व्यक्ति के मान - प्रतिष्ठा में वृद्धि होती है। गणेश जी उस व्यक्ति के सभी प्रकार के कष्ट दूर कर देते है। यहाँ प्रतिवर्ष भक्तों की भारी संख्या में भीड़ उमड़ती है।
पुराणों के अनुसार भी कहा गया है की कलयुग में शीग्र ही आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु श्री गणेश का पूजन सबसे अहम माना जाएगा।
हमारी सेवाएं :-
हमारे युगान्तरित पंडित जी द्वारा आपके नाम से गणपति जी का विशेष पूजन किया जाएगा। पूजा से पूर्व एवं अंतिम दिन पर संकल्प कराया जाएगा। इस पूजन में गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्थी तक प्रति दिन गणेश जी का दूर्वा से अभिषेककर अथर्वशीर्ष पाठ किया जाएगा साथ ही प्रसाद स्वरुप उन्हें मोदक का भोग अर्पण किया जाएगा।
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