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डॉ. ऋचा शुक्ला ज्योतिष शास्त्र की गहरी जानकारी रखने के अलावा भारतीय विरासत की अच्छी समझ और एक प्रेरक वक्ता है। ज्योतिष के प्रति रूझान पिता डॉ. जेपी अग्निहोत्री से विरासत में मिला। डॉ. जेपी अग्निहोत्री ज्योतिष के महान जानकार थे। डॉ. ऋचा शुक्ला अपने शुरुआती जीवन में ज्योतिष की बुनियादी शिक्षा अपने पिता से सीखी। इसके बाद श्री के एन राव के मार्गदर्शन में दिल्ली के भारतीय विद्या भवन से ज्योतिष अलंकार और ज्योतिष आचार्य की उपाधी ग्रहण की।
ज्योतिष के क्षेत्र में करीब 18 वर्षों तक काम करते हुए डॉ. ऋचा शुक्ला ने देश-दुनिया के हजारों लोगों के बारे में सटीक भविष्यवाणियां और उनका मार्गदर्शन किया। डॉ. ऋचा शुक्ला हिन्दू वैदिक ऐस्ट्रोलॉजी (पराशरी) की जानकारी रखती हैं। जिसके अनुसार मनुष्य का जीवन कर्म और भाग्य दोनों से चलता है। डॉ. ऋचा शुक्ला का मुख्य फोकस इस बात पर रहता है कि भाग्य और कर्म के आधार पर भविष्यवाणी की जाए।
डॉ. ऋचा शुक्ला ज्योतिष के परंपरागत ज्ञान और मंत्र जप का उपयोग कर सीधे ग्रहों के संपर्क में रहती हैं। डॉ. ऋचा शुक्ला वर्तमान समय में ज्योतिष के तमाम मिथकों को ध्वस्त करने और कर्म और ज्योतिष से संबंधित संभावित प्रश्नों के जवाब देने के लिए एक पुस्तक पर काम कर रही हैं।
डॉ. ऋचा शुक्ला ने इतिहास से पीएचडी करने के साथ ज्योतिष अलंकार, ज्योतिष आचार्य और अनुसंधान से जुड़ी हुई हैं। डॉ. ऋचा शुक्ला का लक्ष्य ज्योतिष के मूल्यों और जानकारी लोगों तक पहुंचाना है ताकि सभी के पास ज्योतिष की सटीक जानकारी पहुंच सके।