आचार्य नंदा शर्मा मूल रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय से परेड प्रबंधन की छात्रा थे।वर्ष 1998 में उत्तराखंड के एक दिव्या खगोलीय स्थान पर अचानक जाने से उनका मन पूरी तरह से बदल गया। संतो के परिवेश और पुजारी और पंडितों के साथ उन्होंने मानव जीवन के आध्यात्मिक पहलुओं को खोजने की कोशिश की। पंडित ओंकारनाथ शास्त्री जी के आशीर्वाद से उन्होंने उन्हें अपना गुरु बना कर ज्योतिषियों यात्रा शुरू की। बद्रीनाथ में 8 से 10 साल की दौरान बह अनेक ज्योतिष, योग गुरु, गुप्तकालीन विशेषज्ञों के संस्पर्श में आए और महसूस किया की ग्रहों की स्थिति मानव जीवन और शरीर पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है। उसके बाद वह सुसंस्कृत हुए और ज्योतिष पर अभ्यास करने लगे। दिन प्रतिदिन ज्योतिष में बहुत से प्रयोग किए जैसे आधुनिक ज्योतिष की तुलना प्राचीन ज्योतिष से, ज्योतिष भोगबाद, वास्तु के साथ ग्रह नक्षत्र की स्थिति आदि। उन्होंने भारत के सबसे महत्वपूर्ण शक्तिपीठों का दौरा किया और देवी महात्मा और श्री विद्या में गहन शोध का अध्ययन किया। उनके प्रसिद्ध उपचार एक सामान्य व्यक्ति के दैनिक जीवन के साथ समान रूप से रूप से मेल खाते हैं। ज्योतिष शास्त्र और तंत्र का मिश्रण से उनको आश्चर्यजनक परिणाम मिले। वास्तु ज्योतिष और भोग में उनके 20 वर्षों का अनुभव को वह मानव जाति के कल्याण के लिए प्रमाणिक तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं ।लोगों की सेवा करने के लिए एक मंच देने के लिए वहअमर उजाला वेब सर्विसेज लिमिटेड क। हार्दिक रूप से शुक्रगुजार हे ।