myjyotish

6386786122

   whatsapp

6386786122

Whatsup
  • Login

  • Cart

  • wallet

    Wallet

विज्ञापन
विज्ञापन
Home ›   Photo Gallery ›   Blogs Hindi ›   things not to be done during pitra paksh

जानिए पितृपक्ष के समय किन कार्यों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए

shadabalamjamia@gmail.com shadabalamjamia@gmail.com My Jyotish Expert Updated Wed, 29 Sep 2021 12:14 PM IST
पितृपक्ष के समय
1 of 9
सनातन धर्म में पितरों की आत्मा की शांति के लिए पिंडदान और तर्पण विधि करनी चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, पितृपक्ष में पितरों की पूजा न करने से पूर्वजों को मृत्युलोक में जगह नहीं मिलती और उनकी आत्मा भटकती रहती है, जिससे पितर नाराज होते हैं और कई दोष लगते हैं। शास्त्रों में पितरों को भी देवताओं की तरह समर्थवान माना गया है। पितर भी देवताओं की तरह आशीर्वाद देते हैं, जिससे घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और नाराज भी होते हैं, जिससे जीवन में कई तरह के उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है। इसलिए इस पवित्र पक्ष में कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनको नहीं करना चाहिए। ऐसा करने   से   पितरों की आत्मा नाराज हो जाती है।श्राद्ध का मतलब अपने सभी कुल देवताओं और पितरों के प्रति श्रद्धा प्रकट करना है। वैसे तो प्रत्येक महीने  अमावस्या तिथि को पितरों की शांति के लिए पिंड दान या फिर श्राद्ध कर्म किये जाते हैं। लेकिन पितृ पक्ष में श्राद्ध करने का विशेष महत्व माना जाता है। मान्यता है इस दौरान पिंडदान, तर्पण, कर्म और ब्राह्मण को भोजन कराने से पूर्वज प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं।हिंदू पंचांग अनुसार आश्विन माह के कृष्ण पक्ष को पितृपक्ष कहा जाता है। पितृपक्ष भाद्रपद मास की पूर्णिमा से शुरु होकर आश्विन मास की अमावस्या तक चलते हैं। भाद्रपद पूर्णिमा के दिन सिर्फ उन लोगों का श्राद्ध किया जाता है। 


सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021

फ्री टूल्स

X