हमारे हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों को भी बड़ी आदर और सत्कार से याद किया जाता है। और उन्हीं की याद में श्राद्ध के दिन बनाए जाते हैं हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि हमारे पूर्वजों का भी एक विषय है महत्व होता है जिसमें यह मानना है कि हमारे पूर्वज हमारे घर की सुख समृद्धि और वृद्धि में विशेष सहायक होते हैं। यही कारण है कि हिंदू धर्म में श्राद्ध का भी अपना एक विशेष स्थान है। श्राद्ध के दिनों में घरों में खीर और पूरी बनाई जाती है। और घर में किसी पंडित को खिलाया जाता है। और दक्षिणा के रूप में उन्हें कपड़े और कुछ नगदी दी जाती है। श्राद्ध पक्ष हर साल बनाया जाता है। इन दिनों में कौवे का भी महत्व होता है यह माना जाता है कि हमारे पूर्वज एक कौवे के रूप में रात वाले दिनों में हमारे घर भोजन करने के लिए आते हैं। इसीलिए घरों की छतों पर उन कामों के लिए खीर, पूरी, हलवा और सब्जी के रूप में काले चने की सब्जी रखी जाती है। और पास में एक जल का गिलास भी कर रखा जाता है। हिंदी कैलेंडर के अनुसार श्राद्ध पक्ष भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से अश्विन कृष्ण अमस्या तक कुल 16 दिन चलता है।इस बार पंचांग के अनुसार पितृ पक्ष (Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सुबह सोमवार से भाद्र मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से शुरू होकर पितृ पक्ष का खत्म 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को होगा।
सर्वपितृ अमावस्या को गया में अर्पित करें अपने समस्त पितरों को तर्पण, होंगे सभी पूर्वज एक साथ प्रसन्न -6 अक्टूबर 2021