सनातन धर्म में ज्योतिष शास्त्र एक अपना महत्व हैं. खासकर भारतीय संस्कृति में इसको बड़ी तवज्जो दीं जाती हैं.ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक नौ ग्रह हमारे जीवन की अलग-अलग पहलुओं के कारक होते हैं और सभी राशियों पर असर डालता हैं. हर व्यक्ति की जीवन में। कुंडली और ग्रहों की स्थिति उसके जीवन के आधार पर बदलते रहता है. साथ हीं इसे सम्मुख कभी सुख, सेहत, संपत्ति, परिवार, सफलता आदि पर भी असर डालती है. यदि इन चीजों से संबंधित ग्रह कमजोर हो तो उस मामले में व्यक्ति को समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन्हीं में से एक अहम ग्रह है शुक्र यदि यह ग्रह कमजोर हो तो व्यक्ति की जिंदगी में सुख-समृद्धि कम होती है. उसे पैसों की तंगी (Money) साथही ही ज्योतिष का भी कहना हैं कि अगर किसी की कुंडली में शुक्र ग्रह लग्न भाव में होता है, तो जातक को सौंदर्य प्राप्त होता है और शुक्र का प्रभाव उसे आकर्षक बनाता है। शुक्र के शुभ प्रभाव से जातक में रचनात्मकता आती है और उसकी रूचि कलात्मक कार्यों में होती है। शुक्र के मजबूत स्थिति में होने से जातक के प्रेम वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है और इसी के साथ जातक की आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है व उसको भौतिक सुख सुविधाओं की प्राप्ति होती है।
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