घर बैठें श्राद्ध माह में कराएं विशेष पूजा, मिलेगा समस्त पूर्वजों का आशीर्वाद
श्राद्ध पूजन विधि :
श्राद्ध में सुबह उठकर स्नान कर अपने पितरों का पसंदीदा भोजन बनवाएं और तिल, चावल,जौ को विशेष रूप से सम्मलित करें। तिल अर्पित करें फिर पितरों के भोजन की पिंडी बनाकर उन्हें अर्पित करें । ब्राह्मण को भोजन कराकर उन्हें वस्त्र और दक्षिणा प्रदान करें । अंत में कौओ को भोजन कराएं क्योंकि श्राद्ध में कौओ को पितरों का रूप माना जाता है ।
श्राद्ध भोजन :
जौ,सरसों और मटर का उपयोग अच्छा माना गया हैं । भोजन में तिल को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है, तथा जो भोजन पितरों को पसंद हो उसकी खास विशेश्ता हैं। दुध,गंगाजल,शहद का उपयोग भोजन में आवश्यक माना गया हैं ।
इस पितृ पक्ष गया में कराएं श्राद्ध पूजा, मिलेगी पितृ दोषों से मुक्ति : 01 सितम्बर - 17 सितम्बर 2020
इस वर्ष श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियाँ :
श्राद्ध इस वर्ष 1 सितंबर 2020 से 17 सितंबर 2020 तक हैं ।
- पहला श्राद्ध (पूर्णिमा श्राद्ध) 1 सितंबर 2020
- दूसरा श्राद्ध 2 सितंबर 2020
- तीसरा श्राद्ध 3 सितंबर 2020
- चौथा श्राद्ध 4 सितंबर 2020
- पांचवा श्राद्ध 5 सितंबर 2020
- छठा श्राद्ध 6 सितंबर 2020
- सांतवा श्राद्ध 7 सितंबर 2020
- आंठवा श्राद्ध 8 सितंबर 2020
- नवां श्राद्ध 9 सितंबर 2020
- दसवां श्राद्ध 10 सितंबर 2020
- ग्यारहवां श्राद्ध 11 सितंबर 2020
- बारहवां श्राद्ध 12 सितंबर 2020
- तेरहवां श्राद्ध 13 सितंबर 2020
- चौदहवां श्राद्ध 14 सितंबर 2020
- पंद्रहवां श्राद्ध 15 सितंबर 2020
- सौलवां श्राद्ध 16 सितंबर 2020
- सत्रहवां श्राद्ध 17 सितंबर 2020 (सर्वपितृ अमावस्या).
श्राद्ध में तिथि का ज्ञान बहुत आवश्यक हैं , जिस तिथि पर पूर्वजो का देहावसान हुआ हो उसी तिथि पर श्राद्ध होना अच्छा होता है । अगर किसी कारणवश तिथि ज्ञात न हो तो पितृ अमावस को श्राद्ध कर सकते हैं।
इस साल श्राद्ध थोड़े अलग होंगे। इस साल नवरात्रि श्राद्ध के तुरंत बाद न होकर 1 महीने बाद शरू है , इसका कारण है अधिक मास । इस साल 2 महीने अधिकमास लग रहा हैं ।
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