खास बातें
saturn retrograde ज्योतिष शास्त्र में शनि का वक्री होना बहुत महत्वपूर्ण समय को दर्शाता है. कहा गया है कि जब कोई ग्रह विपरीत दिशा में चलता है तो वह वक्री अवस्था में होता है. वक्री होने पर ग्रह के असर में वक्रता का गुण बढ़ जाता है.
विज्ञापन
विज्ञापन
saturn retrograde ज्योतिष शास्त्र में शनि का वक्री होना बहुत महत्वपूर्ण समय को दर्शाता है. कहा गया है कि जब कोई ग्रह विपरीत दिशा में चलता है तो वह वक्री अवस्था में होता है. वक्री होने पर ग्रह के असर में वक्रता का गुण बढ़ जाता है. इस समय शनि कुंभ राशि में वक्री अवस्था में होने पर काफी महत्वपूर्ण होतेहैं. जिसका सभी राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है.
ज्योतिष शास्त्र में शनि की वक्री दृष्टि को अशुभ माना जाता है. शनि का मार्गी से वर्की होना कठीन समय को दर्शाता है. शनि की वक्री दृष्टि के कारण कुछ राशियों को रहना होगा सावधान. ज्योतिषीय गणना के अनुसार जून 2024 से शनि अपनी ही राशि कुंभ में वक्री होने वाले हैं. शनि की वक्री दृष्टि सभी राशियों पर अलग-अलग रुप से अपना असर दिखा सकती है. शनि की वक्री दृष्टि अशुभ मानी जाती है इस समय शनि का प्रभाव कार्य की अधिकता, विवाद की समस्या, क्रोध एवं असफलता को अधिक देने वाला होता है. कुछ राशियां ऐसी हैं जिन्हें इस दौरान सबसे ज्यादा ध्यान से काम करने की जरूरत हो सकती है. राशियों को शनि के अशुभ प्रभाव का सामना करना पड़ सकता है.
अनुभवी ज्योतिषाचार्यों द्वारा पाएं जीवन से जुड़ी विभिन्न परेशानियों का सटीक निवारण
शनि की वक्री दृष्टि से राशियों पर होगा विशेष प्रभाव
ज्योतिष विद्वानों के अनुसार शनि की वक्री दृष्टि से शनि दह्सा वाले, शनि ढैय्या और शनि की साढ़ेसाती झेल रहे लोग अधिक प्रभावित होते हैं. अब इस समय शनि के वक्री प्रभाव से मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, मकर कुंभ और मीन राशि वालों को सावधान रहना होगा. शनि के वक्री काल के दौरान इन राशियों को कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. इस अवधि में आर्थिक क्षेत्र में परेशानी, व्यापार में घाटा या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां उत्पन्न हो सकती हैंग्रह गोचर की एक बड़ी घटना में शनि कुंभ राशि में वक्री होंगे. शनि की उल्टी चाल कुछ राशियों पर बहुत भारी पड़ने वाली है. ज्योतिष शास्त्र में शनि महाराज को बहुत महत्वपूर्ण दर्जा प्राप्त है, शनि व्यक्ति को उनके कर्मों के अनुसार फल देने वाले ग्रह हैं. शनि इस समय अपनी ही राशि कुंभ में स्थित हैं. कुंभ राशि में होने के बावजूद शनि की चाल में बदलाव असर देगी. शनि कुंभ राशि में वक्री रहने वाले हैं.
आपके स्वभाव से लेकर भविष्य तक का हाल बताएगी आपकी जन्म कुंडली, देखिए यहाँ
मेष राशि प्रभाव
शनि के वक्री होने पर इन लोगों को काफी कष्ट झेलना पड़ेगा. शनि इन राशि के लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दे सकता है. व्यर्थ की यात्राएं बढ़ सकती हैं. काम की अधिकता रह सकती है. शनि के दुष्प्रभाव के कारण आपके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. आपको काम में रुकावटों का सामना करना पड़ सकता है.कर्क राशि प्रभाव
पको अपने स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहना चाहिए. आपके खर्चे बढ़ेंगे. नौकरी और बिजनेस में भी आपको मन मुताबिक सफलता नहीं मिल पाए या विलंब मिले. अगर किस्मत आपके साथ नहीं है तो आपका कोई भी काम आसानी से पूरा नहीं होगा. धनार्जन के लिए प्रयास अधिक होंगे. इस समय आध्यात्मिक पक्ष प्रबल होगा आध्यात्मिक यात्राओं का समय होगा.मकर राशि प्रभाव
मकर राशि वालों के लिए यात्राएं अधिक होंगी. सेहत के प्रति अधिक ध्यान देना होगा. काम में प्रयास अधिक होंगे. शनि की साढ़ेसाती रहेगी. शनि के वक्री काल में इन राशि वालों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है.जन्मकुंडली ज्योतिषीय क्षेत्रों में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है