इनके दादा जी प्रख्यात ज्योतिषाचार्य रहे पिता जी ने भी वाराणसी एवं उज्जैन से शिक्षा प्राप्त की बचपन से ही दादाजी की साथ में रहकर धार्मिक अनुष्ठान एवं ज्योतिष में अधिक रुचि रहने पर इन्होने फलित ज्योतिष में B.A (शास्त्री) विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन से पढ़ाई की और M.A.आचार्य की पढ़ाई महर्षि पाणिनि विश्वविद्यालय से राजयोग पर शोध किया ज्योतिष विज्ञान ग्रहों को जानने की प्राचीन विधा है। इसमे ग्रहों का मानव जीवन पर क्या प्रभाव पड़ता है और मनुष्य किस तरह से ग्रहो के दोषों से बच सकता है आदि को जानने की तकनीक है। ज्योतिष ग्रहों की एक तरह से गणितीय गणना है। जिससे ग्रहों की स्थिति का मनुष्य पर अनुकूल और प्रतिकूल प्रभाव का पता लग जाता है। कि किस ग्रह का प्रभाव अच्छा रहेगा, किसका बुरा। इनके दोषों का पता करके इनके प्रभाव को समाप्त किया जा सकता है। गृह, नक्षत्र, प्रकृति, ब्रह्मांड आदि की दिशाओं और परिस्थितियों के अनुसार मानव का जीवन भी प्रभावित होता है। इनका असर मनुष्य के जीवन पर पड़ता है।फलित ज्योतिष के अंतर्गत ग्रहजन्य पीड़ा का निदान सही समय पर किया जा सकता है।